जैसा कि हम सब जानते हैं कि सिंगरौली मध्य प्रदेश का 50वाँ जिला हैं. और 24 मई 2008 को इसकी स्थापना हुई थी. चूँकि सिंगरौली ने 14 वर्ष पुरे कर लिये हैं.इस उपलक्ष्य में जिला प्रसाशन के द्वारा 24 मई 2022 से 29 मई 2022 तक 6 दिनों का सिंगरौली महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया हैं. इस कार्यक्रम में स्थानीय लोगो से लेकर देश के नमी कलाकार भी भाग लेंगे. 6 दिवसीय कार्यक्रम की पूरी जानकारी के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें. https://www.digitalsingrauli.com/2022/05/singrauli-mahotsav-2022-program-schedule.html
स्वास्थ्य के क्षेत्र में
स्वास्थ्य के क्षेत्र में सिंगरौली जिले को 14 साल में ट्रामा सेन्टर मिला. जिला अस्पताल सह मेडिकल कॉलेज ग्राम नौगढ़ में प्रस्तावित हैं. जिसका बजट व अपरुवल राज्य द्वारा हो चूका हैं. जिले में कोविड टीकाकरण बहुत तेजी व सफलतापूर्वक चल रहा हैं.
शिक्षा के क्षेत्र में
शिक्षा के क्षेत्र में कुछ खास प्रगति नहीं तो नहीं हुई हैं.लेकिन कुछ इंटरमीडियेट विद्यालयों को अपग्रेड कर उत्कृष्ट विद्यालय का नाम दिया गया हैं.हालाँकि जिले को अभी तक न तो कोई इंजीनियरिंग कॉलेज मिला हैं और न ही कोई यूनिवर्सिटी. आज भी जिले के छात्र उच्च शिक्षा के लिए दुसरे शहरों पर निर्भर हैं.
सड़क और परिवहन के क्षेत्र में
सड़क और परिवहन के क्षेत्र में कुछ खास तरक्की नही हुईं हैं.अभी भी सिंगरौली-सीधी राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या NS75E और NS39 के फोरलेनिकरण फोर्लेनिकर का काम दसकों से लंबित हैं. जिसकी वजह से जिलेवासियों को जिले से बाहर आने जाने में बहुत-सी मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं. दुःख कि बात तो ये है कि जो भी सड़कें बनी हुई हैं उन पर कोल परिवहन जारी है.जिसकी वजह से प्रदुषण तो बढ़ा ही है साथ ही आए दिन दुर्घटनाएं भी होती रहीं हैं. जिला प्रशासन की वजह से कई जिलेवासी सड़क दुर्घटना में अपनी जान गवा चुके हैं.
रेल परिवहन के क्षेत्र में
रेल परिवहन के क्षेत्र में भी कुछ खास तरक्की नहीं हुई हैं. सिंगरौली रेलवे स्टेशन की स्थिति अभी भी ज्यों की त्यों हैं.एक नई ट्रेन सिंगरौली को दिल्ली और भोपाल से जोड़ने के लिए चलाई गई. लेकिन नियमित सेवा न होने के कारण सिंगरौली वासियों की समस्या ज्यों की त्यों हैं.
कानून व्यवस्था
लॉ एंड आर्डर के नाम पर भले ही कलेक्टर, एसपी एवं पुलिस विभाग को नई-नई बिल्डिंग दे दी गई है.लेकिन क्राइम कंट्रोल रेट में कोई सुधार नहीं हुआ हैं. एक तरफ जहाँ सिंगरौली के युवा नशे और ड्रग्स के शिकार है वही दूसरी तरफ बेरोजगारी बढ़ने से आये दिन चोरी,मारपीट,अपहरण और हत्या की घटनाएँ आम बात हो गई हैं.
भ्रष्टाचार
भ्रष्टाचार के मामले में सिंगरौली ने काफी तरक्की की हैं.कोर्ट-कचहरी से लेकर किसी भी तरह का काम किसी भी सरकारी महक में बिना घुस के नहीं होता हैं. अभी हाल ही में जिले के पटवारी के यहाँ छापा पड़ा हैं. जिसमे पटवारी के द्वारा उसकी आय से 500 गुना संपत्ति अर्जित करने का मामला सामने आया हैं.जिले के आधिकारियों, व्यवसायियों, कर्मचारियों के विरुद्ध जांच बैठाई गई. तो 99% लोग भ्रष्टाचार में लिप्त मिलेंगे. कह सकते हैं भ्रष्टाचार के मामले में सिंगरौली अव्वल हैं.
सिंगापूर जैसा शहर बनाने की बात
जिले की स्थापना के समय प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उर्फ़ बच्चो के मामा बड़ी-बड़ी डींगे हांकते हुए बोल रहे थें कि सिंगरौली को सिंगापूर की तरह विकसित करेंगे लेकीन उनके ऊपर नाम बड़े और दर्शन छोटे वाली कहावत हुबहु लागू हो रही हैं. अभी तक जिले का पूरा विकास सिर्फ कागजों पर सिमित रह गया हैं.
स्वच्छता के क्षेत्र में
स्वच्छता क क्षेत्र में जिला प्रशासन भले ही कितने प्रशस्ति पत्र ख़रीदे बेचे लेकीन जमींन स्तर पर गन्दगी ने विकराल रूप धारण किया हुआ हैं. जिले में स्थित किसी सार्वजानिक स्थलों,व्यावसायिक स्थलों,सरकारी कार्यालयों आदि में महिलाओं के लिए प्रसाधन की कोई व्यवस्था नही हैं.जिले में स्थित नालियों को देखकर आप खुद स्वच्छता का अंदाजा लगा सकते हैं. चौकाने वाली बात यह हैं कि जिन स्वच्छता वीरों को प्रसाशन द्वारा हर महीने पुरस्कार बाटें जाते हैं उन्हीं के घरों के आस-पास गन्दगी का ढेर पड़ा हुआ हैं.
देश की ऊर्जाधानी
कहने को तो सिंगरौली देश की ऊर्जाधानी हैं.लेकिन जिलेवासियों को पर्याप्त रूप से बिजली मुहैया भी नही करवाई जा रही हैं जिलेवासी बिजली की कटौती और बिजली विभाग के भ्रष्टाचार से हमेशा परेशान रहते हैं. बिजली की दर भी अन्य राज्यों की अपेक्षा ज्यादा वसूली जा रही हैं. लेकिन फिर भी लोगों के घरों में और जीवन में अन्धेरा ज्यों का त्यों बना हैं.
कहने को तो बहुत कुछ हैं लेकिन जिलेवासियों की भागीदारी की कमी की वजह से सब कुछ बोलना प्रशासन विरोधी सा प्रतीत हो रहा हैं. जब तक जिलेवासी अपने हक़ एवं सुविधाओं के लिए खुल कर आवाज नहीं उठाएंगें
तब तक आप कितने भी वर्ष गाँठ मना ले. जिले की स्थिति में कोई सुधार नहीं होने वाला हैं. आपको बता दूँ की इन 14 सालों में जिले को जिला उपभोक्ता फोरम तक नसीब नहीं हुआ हैं.
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