डिजिटल सिंगरौली द्वारा आयोजित "सिंगरौली के सितारे" शो के एपिसोड 4 में हमारी सहयोगी सुश्री संगीता सिंह (मिडिया कोआर्डिनेटर) एवं जिले की युवा खिलाड़ी नुजहत परवीन के बीच वर्चुअल प्लेटफार्म के माध्यम से 10 नवम्बर 2021 को लाइव चर्चा हुई.
नुजहत जी ने अपने बारे में बताया की वो जयंत की रहने वाली हैं. उनके पिताजी एनसीएल में काम करते हैं. उनकी माँ गृहणी हैं. उन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा क्राइस्ट ज्योति, संत जोशेफ़ और डीपीएस विन्ध्यनगर से पूरी की. संत जोशेफ़ शक्तिनगर में क्लास 10th(2011) से उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया.और सिंगरौली की टीम से क्रिकेट की शुरुआत की.
खेलकूद में हिस्सा
नुजहत जी कहती है कि वो बचपन से ही खेल-कूद में हिस्सा लिया करती थी बचपन में उन्होंने प्रोफेशनली क्रिकेट नही खेला लेकिन दोस्तों और बड़े भैया लोगो के साथ खेला करती थी. जब नुजहत जी ने क्रिकेट की शुरुआत की तब लडकियां क्रिकेट में हिस्स्सा नही लिया करती थीं. इसलिए उन्होंने शुरुआत एथिलियेटीक्स से की क्योंकि तब क्रिकेट में लड़कियों की टीम नही हुआ करती थी.वो फुटबॉल चैम्पियन भी रह चुकी हैं.
पहली क्रिकेट टीम
नुजहत परवीन जी कहती है कि सबसे पहले 2011 में लड़कियों की क्रिकेट टीम बनी थी. उनका कहना है कि पहले लोग सोचते थे कि लड़कियां पढ़ें और आगे बढ़ें.लेकिन जब नुजहत को स्पोर्ट्स में आगे बढ़ते देखा तो वे सभी भी चाहने लगे कि उनकी लड़कियां भी स्पोर्ट्स में हिस्सा ले.
लाइफ में डिसिप्लिन
नुजहत जी का कहना है कि लाइफ में डिसिप्लिन बहुत जरुरी होता हैं और डिसिप्लिन के साथ-साथ फिटनेस का भी ध्यान रखना जरुरी हैं क्यों कि अगर आप फिट रहेंगे तभी आप अपने स्किल को लेकरअच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं.
स्पोर्ट्स लवर
नुजहत जी बताती हैं कि वो क्रिकेट के अलावा टेबल टेनिस ,बैटमिन्टनऔर जितने भी स्पोर्टस है सभी खेलना पसंद करती है स्पोर्ट्स के अलावा उन्हें गाने,कहानियां और नॉवेल पढ़ना पसंद हैं.और कहानियां उन्हें मोटिवेट करती है नुजहत जी स्पोर्ट्स लवर हैं इसलिए वे सभी तरह के गेमों में उतरना पसंद करती हैं. ये देखने के लिए कि ये क्रिकेट से अलग हो सकता है.
पहला इंटरनेशनल मैच
परवीन जी बताती है की उन्होंने सबसे पहला इंटरनेशनल मैच वेस्ट इंडीज के साथ खेला जो इंडिया आई थी उसके बाद एशिया कप खेलने थाईलैंड गई.वन डे खेला साऊथ अफ्रीका जाकर उसके बाद वल्ड कप 2017 के सीरिज में थी जिसमे वे ट्राफी के काफी करीब थी.
फैमिली से सपोर्ट
नुजहत जी कहती हैं कि फैमिली के सपोर्ट के बिना यहाँ तक पहुचना नामुमकिन था. घर वालों को बहुत कुछ सुनना पड़ता था कि घर की लड़की बाहर जाकर खेल रही हैं.लेकिन मैंने भी ये सोच रखा था की जब भी मौका मिलेगा मै अपने घर का नाम जरुर रौशन करुँगी.
कठिनाईयों का सामना
नुजहत बताती है कि जब उन्होंने 2016 में पहला इंटरनेशनल मैच वेस्ट इंडीज़ के साथ खेला तब काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा क्योंकि तब सिंगरौली से ज्यादा कनेक्टिविटी नही थी काफी जगहों में ट्रेवल में कठिनाइयाँ आई.
नुजहत परवीन जी से हुई पूरी बातचीत का विडियो आप यहाँ पर देख सकते हैं:-
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